मधुमेह (Diabetes/Sugar) के रोगियों के लिए यह अत्यंत लाभकारी माना गया है, क्योंकि किरायातु रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह अग्न्याशय (pancreas) को बेहतर ढंग से कार्य करने में सहायक होता है और इंसुलिन के प्रभाव को संतुलित करता है।
इसके नियमित सेवन से न केवल ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, बल्कि शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त कर एक प्राकृतिक डिटॉक्स की तरह भी काम करता है।
किरायातु (Swertia Chirata) को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है, जो विशेष रूप से ज्वर (बुखार), पाचन संबंधी गड़बड़ियाँ, लिवर विकार, और त्वचा रोगों में लाभकारी है। इसका कड़वा स्वाद शरीर को शुद्ध करता है और संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
किरायातु में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-पायरेटिक (बुखार कम करने वाला), लिवर-टॉनिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, भूख बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। मधुमेह, रक्तस्राव, बवासीर और गठिया जैसे रोगों में भी यह अत्यंत उपयोगी माना गया है।
कड़वा है लेकिन करामाती – किरायातु, प्राकृतिक रोगनाशक जड़ी-बूटी!